लेखनी प्रतियोगिता -29-Feb-2024
#दिनांक:-29/2/2024
#शीर्षक:- जीवंत लगा
प्रेम-परिपूर्णा फरवरी आई,
और आज खत्म हो रही,
बात की रफ्तार,
मेरी दुनिया के जिक्र पर रूक गई...,
तेरे ख्वाब के ख्याल में,
मैं फिर से अटक गई....।
रोशनी मुस्कान को रही बिखेर,
कब हुई रात कब हुआ सबेर,
गमगीन हुए ख्याबों को,
मीठी याद आज रही तरेर ।
बिखराई थी बिखराहट आज भी है,
कल के प्यार में तड़प आज भी है,
वक्त गुजर गया कभी भी बेवक्त आने के लिए,
खेल मुकद्दर मुझसे खेलता आज भी है ।
हसीन पल जीवंत लगा मुझे,
शक्कर में खटास कुछ कम लगा मुझे,
गुदगुदाती रोती तन्हाईयाँ, मुस्कुराएं,
आह!!!! हँसकर,
फिर से एक पृष्ठ और पलट दिया मैंने ।
(स्वरचित,मौलिक)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई
Mohammed urooj khan
02-Mar-2024 11:36 AM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
01-Mar-2024 11:30 PM
बेहतरीन
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hema mohril
29-Feb-2024 07:32 PM
V nice
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